वो दरिया सूख गया, देकर बादलों को अपना पानी ऐ आँखें तू जरा खुल कर बरस वो दरिया सूख गया, देकर बादलों को अपना पानी ऐ आँखें तू जरा खुल कर बरस
फिर ना जाने क्यूं हर खुशी के पल को छोड़ के जीये जा रही हूं फिर ना जाने क्यूं हर खुशी के पल को छोड़ के जीये जा रही हूं
जीना चाहता हूँ , चाहत में मेरी जीना भूल गया ,चाहत में तेरी। जीना चाहता हूँ , चाहत में मेरी जीना भूल गया ,चाहत में तेरी।
बाल-बाल मुझे बचाने की हाथ से हाथ मिलाकर रक्षा करो अपनी ही साँसों की। बाल-बाल मुझे बचाने की हाथ से हाथ मिलाकर रक्षा करो अपनी ही साँसों की।
वो जो ऐसे दिन थे जिनमे मैं जिया नहीं, कि वो जो काली रातें थी, जिनमे मैं सोया नहीं वो जो ऐसे दिन थे जिनमे मैं जिया नहीं, कि वो जो काली रातें थी, जिनमे मैं सोया नही...
कठिनाइयाँ आए सामने तो डट कर खड़े रहती है अपना रास्ता खुद ही चुना करती है ये नदी ही कठिनाइयाँ आए सामने तो डट कर खड़े रहती है अपना रास्ता खुद ही चुना करती है ...